List of Presidents of World Bank
विश्व बैंक के अध्यक्ष(List of Presidents of World Bank )
विश्व बैंक के अध्यक्ष | कार्यकाल वर्ष |
1 यूजीन मेयर (अमेरिका) | १९४६-१९४६ |
2 जौन जे. मैक्लाय (अमेरिका) | १९४७-१९४९ |
3 यूजीन आर. ब्लैक (अमेरिका) | १९४९-१९६३ |
4 जॉर्ज वुड्स (अमेरिका) | १९६३-१९६८ |
5 रॉबर्ट मैक्नामारा (अमेरिका) | १९६८-१९८१ |
6 एल्डन डब्ल्यू क्लाउसेन (अमेरिका) | १९८१-१९८६ |
7 बार्बर कॉनेबल (अमेरिका) | १९८६-१९९१ |
8 लेविस टी. प्रेस्टन (अमेरिका) | १९९१-१९९५ |
9 सर जेम्स वोल्फेंसन (अमेरिका) | १९९५-२००५ |
10 पॉल वोल्फोविट्ज (अमेरिका) | २००५-२००७ |
11 रॉबर्ट जोएलिक (अमेरिका) | २००७-२०१२ |
12 जिम योंग किम (अमेरिका) | २०१२-.... |
Worlds Leading Newspapers
विश्व के प्रमुख समाचार पत्र | Worlds Leading Newspapers | |
समाचार पत्र | प्रकाशन स्थान | भाषा |
ब्रिटेन | ||
गार्जियन वीकली | लन्दन | अंग्रेजी |
न्यू स्टेट्समैन | लन्दन | अंग्रेजी |
डेली मिरर | लन्दन | अंग्रेजी |
टाइम्स ऑफ़ लन्दन | लन्दन | अंग्रेजी |
मैनचेस्टर गार्जियन | मैनचेस्टर | अंग्रेजी |
डेली टेलीग्राफ | लन्दन | अंग्रेजी |
अमेरिका | ||
डेली न्यूज़ | न्यूयार्क | अंग्रेजी |
न्यूयार्क टाइम्स | न्यूयार्क | अंग्रेजी |
रूस | ||
प्रावदा | मॉस्को | रशियन |
जेवास्ता | मॉस्को | रशियन |
इजवेस्तिया | मॉस्को | रशियन |
पाकिस्तान | ||
डौन -कराची | कराची | अंग्रेजी |
पाकिस्तान टाइम्स | रावलपिंडी | अंग्रेजी |
फ़्रांस | ||
ले मोन्डे | पेरिस | फ्रेंच |
चीन | ||
पीपुल्स डेली | बीजिंग | चीन |
इंडोनेशिया | ||
मर्डेगा | जकार्ता | इंडोनेशिया |
मिश्र | ||
अल अहराम | काहिरा | अरबी |
विश्व के प्रमुख समाचार पत्र | ||
समाचार पत्र - - | प्रकाशन स्थान | भाषा |
ब्रिटेन | ||
गार्जियन वीकली | लन्दन | अंग्रेजी |
न्यू स्टेट्समैन | लन्दन | अंग्रेजी |
डेली मिरर | लन्दन | अंग्रेजी |
टाइम्स ऑफ़ लन्दन | लन्दन | अंग्रेजी |
मैनचेस्टर गार्जियन | मैनचेस्टर | अंग्रेजी |
डेली टेलीग्राफ | लन्दन | अंग्रेजी |
अमेरिका | ||
डेली न्यूज़ | न्यूयार्क | अंग्रेजी |
न्यूयार्क टाइम्स | न्यूयार्क | अंग्रेजी |
रूस | ||
प्रावदा | मॉस्को | रशियन |
जेवास्ता | मॉस्को | रशियन |
इजवेस्तिया | मॉस्को | रशियन |
पाकिस्तान | ||
डौन -कराची | कराची | अंग्रेजी |
पाकिस्तान टाइम्स | रावलपिंडी | अंग्रेजी |
फ़्रांस | ||
ले मोन्डे | पेरिस | फ्रेंच |
चीन | ||
पीपुल्स डेली | बीजिंग | चीन |
इंडोनेशिया | ||
मर्डेगा | जकार्ता | इंडोनेशिया |
मिश्र | ||
अल अहराम | काहिरा | अरबी |
Worlds Major Bays
विश्व की प्रमुख खाड़ियाँ (Worlds Major Bays)
विश्व की प्रमुख खाड़ियाँ | |
नाम | क्षेत्रफल(वर्ग किमी में) |
मैक्सिको की खाड़ी | १५,४४,००० |
हडसन की खाड़ी | १२,३३,००० |
अरब की खाड़ी | २,३८,००० |
सेंट लॉरेंस की खाड़ी | २,३७,००० |
कैलिफोर्निया की खाड़ी | १,६२,००० |
इंग्लिश चैनल | ८९,९०० |
World Oceans Few Fast Facts
विश्व के प्रमुख सागर:
World Oceans Few Fast Facts
| ||
सागर नाम | क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | गहराई (मीटर में) |
दक्षिण चीन सागर | २९,७४,६०० | १२०० |
कैरीबियन सागर | २७,५३,००० | २,४०० |
भूमध्य सागर | २५,०३,००० | १,४८५ |
बेरिंग सागर | २२,६८,१८० | १,४०० |
पूर्व चीन सागर | १२,४९,१५० | १८८ |
अंडमान सागर | ७,९७,७२० | ८६५ |
ओखोटस्क सागर | १५,२७,५७० | ८४० |
काला सागर | ४,६१,९८० | १,१०० |
बाल्टिक सागर | ४,२२,१६० | ५५ |
लाल सागर | ४,३७,७०० | ४९० |
उत्तरी सागर | ५,७५,३०० | ९० |
आयरिश सागर | ८८,५५० | ६० |
जापान सागर | १०,०७,५०० | १,३७० |
Different Country And Their Currency
विभिन्न देश और उनकी मुद्राएँ | Different Country And Their Currency |
देश | मुद्राएँ |
आस्ट्रिया | शिलिंग |
बेल्जियम | बेल्जियन फ्रैंक |
बुल्गारिया | लेव |
डेनमार्क | ड्राचमा |
फिनलैंड | मार्का |
फ़्रांस | फ्रैंक |
चेकोस्लाविया | क्राउन |
जर्मनी | ड्यूश मार्क |
इंग्लैण्ड | पौंड |
हंगरी | फारिन्ट्स |
ग्रीस | ड्राचमा |
इटली | लीरा |
माल्टा | पाउंड |
हालैंड | गिल्डर |
नार्वे | क्रोन |
पोलैंड | जोलटी |
पुर्तगाल | शिलिंग |
रोमानिया | फ्लोरिन |
रूस | रूबल |
स्पेन | पेसेटा |
स्विट्ज़रलैंड | स्विस फ्रैंक |
युगोस्लाविया | युगोस्लाव दीनार |
अमरीका | डॉलर |
मैक्सिको | पैसो |
अर्जेंटीना | पैसो |
ब्राज़ील | क्रुजेरो |
चिली | एसयूडर |
कोलंबिया | पैसो |
पेरू | सोल |
ईरान | रियाल |
तुर्की | लीरा |
मिश्र | इजिप्शियन पौंड |
इथोपिया | इथोपियन डॉलर |
कीनिया | शिलिंग |
मोरक्को | दिरहम |
नाईज़ीरिया | शिलिंग |
दक्षिण अफ्रीका | रेंड |
तंज़ानिया | शिलिंग |
युगांडा | शिलिंग |
अफगानिस्तान | बहट |
म्यांमार | क्यात |
श्री लंका | रूपी |
इंडोनेशिया | रुपैया |
जापान | येन |
दक्षिण कोरिया | वॉन |
पाकिस्तान | रूपी |
थाईलैंड | बहट |
आस्ट्रेलिया | डॉलर |
न्यूज़ीलैंड | डॉलर |
प्राचीन विशव के सात आश्चर्य
प्राचीन विशव के सात आश्चर्य
प्राचीन विशव के सात आश्चर्य, प्राचीन विशव की वह सात इमारते थी जो की वास्तुकला, विशालता, भव्यता आदि की दृष्टि से श्रेष्ठ थी। इन सात आश्चर्यों में से अब मात्र एक ही शेष है बाकी सब समय के साथ इतिहास में दफन हो गए। आइए आज हम इन्ही प्राचीन सात आश्चर्यों के बारे में विस्तार से जानते है।
1. गीज़ा का विशाल पिरामिड, मिस्त्र (Great Pyramid of Giza, Egypt) : –
गीज़ा का विशाल पिरामिड, विशव के सात प्राचीन अजूबो में सबसे पुराना है तथा यह एक मात्र प्राचीन अजूबा है जो समय की मार सहते हुए आज भी खड़ा है। यूँ तो मिस्र में कुल 138 पिरामिड है जिसमे से गीज़ा में तीन है। लेकिन गीज़ा में स्तिथ इस ग्रेट पिरामिड की गिनती ही विशव के प्राचीन सात अजूबों में होती है। यह पिरामिड 450 फुट ऊंचा है। 43 सदियों तक यह दुनिया की सबसे ऊंची संरचना रहा। इसका आधार 13 एकड़ में फैला है जो करीब 16 फुटबॉल मैदानों जितना है। यह 25 लाख चूनापत्थरों के खंडों से निर्मित है जिनमें से हर एक का वजन 2 से 30 टनों के बीच है। ग्रेट पिरामिड को इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि वर्तमान तकनीक ऐसी कृति को दोहरा नहीं सकती। कुछ साल पहले तक (लेसर किरणों से माप-जोख का उपकरण ईजाद होने तक) वैज्ञानिक इसकी सूक्ष्म सममिति (सिमट्रीज) का पता नहीं लगा पाये थे, प्रतिरूप बनाने की तो बात ही दूर! प्रमाण बताते हैं कि इसका निर्माण करीब 2560 वर्ष ईसा पूर्व मिस्र के शासक खुफु के चौथे वंश द्वारा अपनी कब्र के तौर पर कराया गया था। इसे बनाने में करीब 23 साल लगे।
विशेषज्ञों के मुताबिक पिरामिड के बाहर पाषाण खंडों को इतनी कुशलता से तराशा और फिट किया गया है कि जोड़ों में एक ब्लेड भी नहीं घुसायी जा सकती। ग्रेट पिरामिड एक पाषाण-कंप्यूटर जैसा है। यदि इसके किनारों की लंबाई, ऊंचाई और कोणों को नापा जाय तो पृथ्वी से संबंधित भिन्न-भिन्न चीजों की सटीक गणना की जा सकती है। ग्रेट पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग इस प्रकार किया गया है कि इसके भीतर का तापमान हमेशा स्थिर और पृथ्वी के औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के बराबर रहता है। यदि इसके पत्थरों को 30 सेंटीमीटर मोटे टुकड़ों मे काट दिया जाए तो इनसे फ्रांस के चारों आ॓र एक मीटर ऊंची दीवार बन सकती है। ग्रेट पिरामिड ऑफ़ ग़िज़ा को पिरामिड ऑफ़ खुफु के नाम से भी जाना जाता है।
2. बेबीलोन के झूलते बागीचे (Hanging Gardens of Babylon) – :
हैंगिंग गार्डन्स ऑफ़ बेबीलोन का शुमार भी प्राचीन विशव के सात अजूबों में होता है तथा यह एक मात्र प्राचीन अजूबा है जिसकी सही लोकेशन आज तक निश्चित नहीं की जा सकी है लेकिन माना जाता है की यह प्राचीन बेबीलोन शहर में बना था जो आज इराक में अल-हिल्लह नामक स्थान के पास है। प्राचीन ग्रंथो के आधार पर यह उद्यान यहां के राजा नबूचड्नेजार द्वितीय (Nebuchadnezzar II) ने 600 ईसा पूर्व बनवाया था। ऐसा कहा जाता है की राजा ने यह उद्यान अपनी पत्नी अमीटिस (Amytis) को खुश करने के लिए बनवाया था क्योंकि वो बेबीलोन में अपने गृह नगर की हरी भरी पहाड़ियों और घाटियों को मिस करती थी। हैंगिंग गार्डन्स ऑफ़ बेबीलोन पर सदा से ही विशेषज्ञों की दो राय रही है कुछ इसके अस्तित्व को स्वीकारते कुछ इससे इंकार करते है क्योकि इसका विवरण मात्र तीन – चार प्राचीन किताबों में ही है तथा आज तक ऐसे किसी गार्डन के पुरातात्विक अवशेष भी नहीं मिले है। और यदि इसका वास्तव में अस्तित्व था तो यह कालांतर में भूकम्प जैसी किसी प्राकर्तिक आपदा के कारण नष्ट हो गया।
3. सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ, मिस्र (Lighthouse of Alexandria, Egypt) :-
मिस्त्र में दुनियां का एक और अजूबा पाया जाता था और वह था सिकन्दरिया का प्रकाश स्तम्भ। समुद्री नाविकों को राह दिखाने के लिए इस प्रकाश स्तंभ का निर्माण एक छोटे से आइलैंड फराओ पर किया गया था। इसका निर्माण 280 ईस्वी पूर्व से 247 ईस्वी पूर्व के मध्य में हुआ था। यह प्राचीन विशव के अजूबों में तीसरी सबसे बड़ी संरचना थी जिसकी ऊँँचाई 393 से 450 फ़ीट के बीच मानी जाती है। 956 से 1323 के मध्य आए तीन बड़े भूकम्पों से यह इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस लाइट हाउस के पत्थरों का 15 वि शताब्दी में इसी जगह बने सिटाडेल ऑफ़ कैतबय (Citadel of Qaitbay) में इस्तेमाल कर लिया गया था। 1994 में फ़्रांस के विशेषज्ञों ने इस लाइट हाउस के अवशेषों की खोज की थी।
दूसरी शताब्दी के सिक्कों पर अंकित लाइट हाउस की तस्वीरें
4. ओलम्पिया में जियस की मूर्ति, ग्रीस (Statue of Zeus at Olympia, Greece) :-
प्राचीन ओलम्पिया में स्तिथ ज़ीउस की मू्र्ति प्राचीन विश्व के सात आश्चर्यो में से एक थी । इस मूर्ति का निर्माण यूनानी मूर्तिकार फ़िडी्यास ने ईसा से 432 साल पहले किया था। इस मूर्ति को यूनान के ओलम्पिया में स्थित ज़ीउस के मंदिर (Temple of Zeus, Olympia, Greece) मे स्थापित किया गया था। इस मूर्ति में जियस को बैठी हुई अवस्था में दिखाया गया था। मूर्ति की उंचाई 13 मीटर (42 फ़ीट) थी। 475 ईस्वी में लगी भयंकर आग की वजह से यह मूर्ति नष्ट हो गई थी। इसका वर्णन अब कुछ पुराने ग्रीक ग्रंथो और और तत्कालीन सिक्को पर अंकित है।
5. Maussollos at Halicarnassus – हैलिकारनेसस का मकबरा (तुर्की) :-
हैलिकारनेसस में बने इस मकबरे की ऊँचाई 150 फीट थी। इसका निर्माण 623 ईसा पूर्व किया गया था। मौसोलस (Mausolus) नामक शासक के द्वारा बनवाई गई इस इमारत को उसकी याद के रुप में जाना जाता है। यह मक़बरा भी 12 वि सदी से 15 वि सदी के मध्य आए कई विनाशकारी भूकम्पों के कारण नष्ट हो गया था।
\
6. आर्तिमिस का मंदिर तुर्की (Temple of Artemis at Ephesus) :-
गीक्र देवी अर्तिमिस (Greek goddess Artemis) को समर्पित इस मंदिर को बनने में 120 साल लगे थे। इसे टेम्पल ऑफ़ डायना के नाम से भी जाना जाता है। 401 ई. में पूर्ण तबाह होने से पहले भी यह मंदिर तीन बार नष्ट हो चूका था। तीनो बार इसका पुनर्निर्माण करवाया गया था। जिसमे से एक बार सिकंदर ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था।
7. रोड्स के कोलोसस की मूर्ति, ग्रीस (Colossus of Rhodes, Greece) :-
ग्रीस (यूनान) की एक और वास्तु कला को विश्व के सात अजूबो में गिना जाता था। रोड्स के कोलोसस की मूर्ति करीब 300 ईसा पूर्व निर्मित हुई थी। यह राजा रोड्स की साइप्रस के राजा पर मिली जीत की खुशी में बनाई गई थी। नष्ट होने से पहले इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 30 मीटर थी जो इसे विश्व की सबसे बड़ी इमारत बनाती थी। 226 ईसा पूर्व में एक भूकंप की वजह से यह इमारत भी इतिहास में दफन हो गई।
दुनिया के 8 सबसे खूबसूरत चर्च
कहते हैं इबादत दिल से की जाए तो ईश्वर उसे जरूर कबूल करता है। चाहे वो कहीं भी कैसे भी की जाए। फिर भी ईश्वर की इबादत के लिए खूबसूरत इबादतगाह बनाने की परंपरा दुनिया में सदियों पुरानी है। यह परंपरा हर धर्म के लोगों में है। हिंदू जहां मंदिर में प्रार्थना करते हैं, वहीं मुस्लिम मस्जिद तो सिख गुरुद्वारे में और ईसाई चर्च में फरियाद लगाते है।
आज हम आपको बता रहे हैं दुनिया के 8 सबसे डिजाइनर और आकर्षक चर्च के बारे में। जिनका आर्किटेक्चर बहुत ही सम्मोहक सा लगता है, इस कारण इनका दीदार करने हर साल दुनिया भर से हजारों सैलानी पहुंचते हैं। आइए देखते है दुनिया के 8 सबसे आकर्षक चर्च …..
लॉस लॉजास केथेड्रल चर्च –
लॉस लॉजास केथेड्रल चर्च सन् 1916 में कंबोडिया में बनाया गया ।एक किवदंती के अनुसार यहां वर्जिन मेरी खुद प्रकट हुई थी। इसके अनुसार मारिया मुसेस नाम की एक महिला जो अपने गूंगे बहरे बच्चे रोजा को पीठ पर लेकर पहाड़ चढ़ रही थी। वह पहाड़ पर चढ़कर थकान के कारण एक जगह पर बैठ गई। उसी ने अपने बच्चे के साथ यहां घूमते हुए वर्जिन मेरी की रहस्यमयी तस्वीर की खोज की उसके बाद यहां इस चर्च का निर्माण किया गया।
लॉ सागारदा चर्च-
यह चर्च दुनिया के सबसे आकर्षक चर्च में से एक है। इसका निर्माण सन् 1882 में शुरु किया गया। यह चर्च बर्सिलोना स्पेन में स्थित है। पूरे चर्च में क्रिश्चयन धर्म और यीशु के जन्म, जीवन यात्रा और मृत्यु को बताते हुए लगभग 18 खूबसूरत टावर बनाए गए हैं।
बेसिल केथेड्रल चर्च-
यह चर्च रशिया के मास्को शहर में है। इसका नाम संत बेसिल के नाम पर रखा गया है। इस चर्च का निर्माण बहुत ही आकर्षक ढंग से किया गया है। इसके खूबसूरत गुंबद किसी का भी ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं।
हागिया सोफिया-
हागिया सोफिया दुनिया के प्राचीन और आकर्षक चर्च में से एक है। हालांकि, यह अब इस्तांबुल का एक संग्राहलय है, लेकिन इसे बीजान्टिन वास्तुकला का सबसे बेहतरीन नमूना माना जाता है। इस चर्च का निर्माण बीजान्टिन सम्राट जस्टीनिन के द्वारा पूरा किया गया था।
नोट्रेडेम चर्च-
नोट्रेडेम चर्च के निर्माण का काम सन् 1163 में शुरू हुआ था। इस चर्च का आर्किटेक्चर बहुत सुंदर और लाजवाब है। यह चर्च पेरिस में स्थित है।
सेंट पीटर बेसेलिका-
यह चर्च विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक ईमारत है। इस चर्च की बनावट भी बहुत खूबसूरत है। यहां एक साथ 60000 लोग प्रार्थना कर सकते हैं। यह चर्च रोम की वेटिकन सिटी में स्थित है।
हैल ग्रिम्सबी चर्च –
यह चर्च आइसलैंड शहर के बीचों बीच स्थित है। इसका नाम एक प्रसिद्ध लेखक हैल ग्रिम्सबी के नाम पर रखा गया था। यह चर्च मूल रूप से आठ दशक पुराना है। इसका निर्माण कार्य 1940 में शुरू किया गया था।
द जुबली चर्च-
यह चर्च रोम में स्थित है। इसका डिजाइन सन् 1996 में रिचर्ड मयार ने बनाया था। इस चर्च की दीवारें घुमावदार हैं। इसे रचर्ड मयार ने रोम का क्राउन कहा है।
No comments:
Post a Comment